अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल जनवरी में अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसने शेयर बाजार में भूचाल ला दिया था। इस रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई, जिससे कंपनी आज तक पूरी तरह नहीं उबर पाई है। अब हिंडनबर्ग रिसर्च एक और बड़े खुलासे की तैयारी में है।
नई दिल्ली: क्या आप हिंडनबर्ग रिसर्च को याद करते हैं? यही वो कंपनी है जिसने पिछले साल गौतम अडानी के अडानी ग्रुप पर ऐसी रिपोर्ट जारी की थी, जिसने पूरे ग्रुप को हिला कर रख दिया था। अब खबर है कि हिंडनबर्ग रिसर्च भारत में फिर से कोई बड़ा धमाका करने की योजना बना रही है। कंपनी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए संकेत दिए हैं कि भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज की शेयर बिक्री से ठीक पहले एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में हेरफेर और अन्य वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था, लेकिन इसके बावजूद ग्रुप का मार्केट कैप $150 अरब तक गिर गया था। इस रिपोर्ट के कारण गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी भारी गिरावट आई और वह दुनिया के अमीरों की सूची में काफी नीचे खिसक गए थे। हालांकि, हाल के महीनों में अडानी ग्रुप के शेयरों ने काफी हद तक अपने नुकसान की भरपाई कर ली है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 2017 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक कई कंपनियों की वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश करने का दावा किया है। इस कंपनी की स्थापना नाथन एंडरसन ने की थी। यह एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स का विश्लेषण करती है। कंपनी का नाम 1937 में हुए हाई-प्रोफाइल हिंडनबर्ग एयरशिप हादसे के नाम पर रखा गया है। कंपनी का दावा है कि वह मैन-मेड डिजास्टर्स, जैसे कि अकाउंटिंग में गड़बड़ी, मिसमैनेजमेंट और छिपे हुए लेनदेन का पता लगाने में माहिर है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने कार्यकाल में 36 से अधिक कंपनियों की वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया है। एंडरसन ने यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकट से इंटरनेशनल बिजनेस में डिग्री प्राप्त की और फिर एक डेटा कंपनी में काम किया। एंडरसन को भारी दबाव में काम करने में आनंद आता है, और उनका कहना है कि वह हैरी मार्कपोलोस को अपना रोल मॉडल मानते हैं, जिन्होंने बर्नी मेडॉफ की फ्रॉड स्कीम का पर्दाफाश किया था।
अडानी ग्रुप पर रिपोर्ट के बाद, हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने क्लाइंट्स के जरिए 4.1 मिलियन डॉलर का राजस्व अर्जित किया। कंपनी का कहना है कि इस शॉर्टिंग से प्राप्त धनराशि शोध पर खर्च की गई राशि के बराबर भी नहीं है, लेकिन उन्होंने अडानी के अमेरिकी बांड्स पर भी 31,000 डॉलर कमाए।
अब देखना यह है कि हिंडनबर्ग का अगला निशाना कौन होगा और भारत में उनके अगले खुलासे का क्या असर होगा।