नौकरी छोड़ बनाई पारंपरिक मिठाइयों का सफल स्टार्टअप: जानिए ‘मो पिठा’ के सफर की कहानी
भुवनेश्वर में 2021 में शुरू किए गए पारंपरिक ओड़िया मिठाइयों के स्टार्टअप ‘मो पिठा’ ने एक अनोखी मिसाल पेश की है। सौम्य प्रधान और अरबिंद नायक ने इस स्टार्टअप की शुरुआत अपनी नौकरी छोड़कर की, और आज यह 45 लाख रुपये का सालाना टर्नओवर कर रहा है।
सफलता की कहानी:
कोरोना महामारी के दौरान, सौम्य प्रधान और अरबिंद नायक ने भुवनेश्वर में जरूरतमंदों की मदद करते हुए एक खास बात पर गौर किया। उन्होंने पाया कि पारंपरिक ओड़िया मिठाइयां सभी को पसंद आती हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता और स्वच्छता को लेकर लोगों में चिंता थी। इस समस्या को सुलझाने के लिए, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और पारंपरिक ओड़िया मिठाइयों का स्टार्टअप ‘मो पिठा’ शुरू किया।
नौकरी छोड़ी, उठाई करछी और परिवार को बना दिया करोड़पति! जानिए कैसे हो रही सालाना 45 लाख की कमाईगृहिणियों को बनाया शेफ:
इस स्टार्टअप की खासियत यह है कि उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर गृहिणियों को रोजगार देकर उन्हें शेफ बना दिया। ‘मो पिठा’ की शुरुआत आठ महिला शेफ के साथ हुई, जो पारंपरिक पिठा जैसे अरीसा, ककर और एंडुरी जैसी मिठाइयां बनाती थीं। धीरे-धीरे, इनका व्यवसाय बढ़ता गया, और उन्होंने भुवनेश्वर में तीन आउटलेट खोल लिए। आज, ‘मो पिठा’ 40 महिलाओं को रोजगार दे रहा है, जिनमें से कुछ महिलाएं प्रति माह 10,000 से 12,000 रुपये कमा रही हैं, जबकि अन्य ऑर्डर के आधार पर काम कर रही हैं और रोजाना 500 से 600 रुपये कमा रही हैं।
मिठाइयों का अनोखा स्वाद और कठिनाई :
हर मिठाई की अपनी एक खासियत होती है और इसे बनाने की प्रक्रिया भी जटिल होती है। जैसे ‘अरीसा’ को चावल के आटे, गुड़ और भुने हुए तिल के आटे से बनाया जाता है। ‘ककर’ सूजी, चीनी, कद्दूकस किए हुए नारियल और अन्य सामग्रियों से बनता है।
बेंगलुरु में विस्तार की तैयारी:
‘मो पिठा’ अब बेंगलुरु में भी अपनी सेवाएं शुरू करने जा रहा है, जहां वे अपनी पारंपरिक ओड़िया मिठाइयों का स्वाद और भी ज्यादा लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं। सौम्य प्रधान और अरबिंद नायक अपनी सफलता का श्रेय इन महिलाओं को देते हैं, जो अपने कौशल और मेहनत से इस स्टार्टअप को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।
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