यूपी में आगामी विधानसभा उपचुनाव की सरगर्मियां तेज़ हो चुकी हैं। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने दस सीटों पर होने वाले चुनावों के लिए तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने गाजियाबाद सदर सीट से चौधरी सतपाल, मीरापुर (मुजफ्फरनगर) से जाहिद हसन, और मझवां (मिर्जापुर) से धीरज मौर्या को प्रत्याशी बनाया है। बाकी सात सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा जल्द ही की जाएगी, यह जानकारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार चित्तौड़ ने दी।
बसपा ने भी खोले अपने पत्ते
बसपा ने भी उपचुनाव के लिए अपनी रणनीति तय कर ली है। पार्टी ने अयोध्या की मिल्कीपुर सीट से रामगोपाल कोरी और मीरापुर सीट से शाह नजर को प्रभारी घोषित किया है, जिन्हें बाद में प्रत्याशी बनाया जा सकता है। इससे पहले, बसपा मझवां से दीपू तिवारी और फूलपुर से शिवबरन पासी को प्रभारी बना चुकी है। बसपा का यह कदम पार्टी के चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
समाजवादी पार्टी की चुनावी तैयारियां
उपचुनाव की इस गर्माहट के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) भी पीछे नहीं है। पार्टी ने यह दावा किया है कि वह सभी दस सीटों पर जीत हासिल करेगी। सांसद अवधेश प्रसाद ने टेढ़ी बाजार स्थित निषाद पंचायती मंदिर के वार्षिक सम्मेलन में कहा कि सपा सभी समुदायों को साथ लेकर चल रही है और अखिलेश यादव के नेतृत्व में 2027 के चुनाव में सरकार बनाएगी। सपा की ओर से अभी तक उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि पार्टी हर सीट पर मजबूत दावेदार उतारेगी।
मिल्कीपुर सीट पर मायावती का दांव
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए बसपा ने अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। रामगोपाल कोरी को मिल्कीपुर सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि रामगोपाल कोरी को पहले भी 2017 में इसी सीट से चुनाव लड़ाया गया था, जहां उन्हें 46,000 वोट मिले थे। हालांकि, उस चुनाव में वे तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार के उपचुनाव में पार्टी उन्हें फिर से मौका दे रही है, ताकि वे बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
भाजपा की रणनीति अभी तय नहीं
जहां अन्य पार्टियां अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रही हैं, वहीं भाजपा की ओर से अभी तक किसी भी सीट के लिए प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा कब और किन उम्मीदवारों के साथ चुनावी मैदान में उतरती है।
यूपी उपचुनाव में सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों के साथ तैयारी कर रही हैं, और आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कौन सी पार्टी किस सीट पर जीत हासिल करती है।
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