Gorakhpur Cyber Fraud News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में साइबर ठगों ने एक और शातिराना चाल चली है। इस बार उन्होंने एक रिटायर्ड स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी को अपना शिकार बनाया है। ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर चार दिनों तक उस अधिकारी को “डिजिटल अरेस्ट” में रखा और उनसे 30 लाख रुपये की ठगी कर ली।
कैसे हुई ठगी?
Gorakhpur के सिद्धार्थ एंक्लेव, रामगढ़ताल निवासी रिटायर्ड स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, विजयेन्द्र कुमार पांडेय, को 1 जुलाई को सुबह एक फोन कॉल आया। कॉलर ने खुद को एसबीआई कस्टमर सर्विस का अधिकारी बताया और कहा कि उनके क्रेडिट कार्ड पर 1.96 लाख रुपये बकाया है। कॉलर ने यह भी कहा कि मामला मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है और एक अधिकारी, सोनल राठौर, से संपर्क करने की सलाह दी।
जब विजयेन्द्र ने दिए गए नंबर पर कॉल किया, तो एक महिला, जो पुलिस की वर्दी में थी, ने उन्हें वीडियो कॉल के माध्यम से बात की और कहा कि उनका क्रेडिट कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हुआ है। इस डर से मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर, विजयेन्द्र ने ठग महिला के कहने पर अलग-अलग खातों से 30 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। महिला ने उन्हें भरोसा दिलाया कि जांच पूरी होने के बाद पैसे वापस कर दिए जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
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अंततः जब विजयेन्द्र को ठगी का एहसास हुआ
जब पैसे भेजने के बाद भी उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली और फोन कॉल्स का जवाब भी बंद हो गया, तब जाकर विजयेन्द्र को समझ आया कि वह ठगी का शिकार हो गए हैं। इसके बाद उन्होंने रामगढ़ताल थाने में जाकर साइबर ठगी की एफआईआर दर्ज कराई।
पुलिस की अपील
एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि इस तरह के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे किसी भी फर्जी कॉल को रिसीव न करें और न ही किसी को ओटीपी या कोई निजी जानकारी साझा करें। साथ ही, साइबर ठगों द्वारा भेजे गए किसी भी लिंक को न खोलें और किसी वर्दीधारी ठग के बहकावे में न आएं। मामले की जांच जारी है और पुलिस ठगों को पकड़ने और पैसे की रिकवरी के प्रयास कर रही है।
यह घटना बताती है कि साइबर ठगों से सतर्क रहने की कितनी आवश्यकता है, खासकर बुजुर्ग और रिटायर्ड अधिकारियों को।
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