Success Story Kalpana Saroj: दलित परिवार की बेटी से 2000 करोड़ की साम्राज्ञी बनने तक का सफर
कल्पना सरोज का जन्म महाराष्ट्र के विदर्भ में एक गरीब दलित परिवार में हुआ। इस समाजिक वर्ग में जन्म लेना अपने आप में एक चुनौती थी, और आर्थिक स्थिति ने इसे और भी मुश्किल बना दिया। कल्पना सरोज तीन बहनें और दो भाई थे। उनके परिवार को दो वक्त की रोटी के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था।
स्कूल में भेदभाव और बचपन की कड़वाहट
दलित परिवार से होने के कारण कल्पना सरोज को समाज और स्कूल में भेदभाव का सामना करना पड़ा। उनकी जाति की वजह से बाकी बच्चों के माता-पिता उनसे बात करने तक की इजाजत नहीं देते थे। स्कूल के शिक्षक भी उनके साथ भेदभाव करते हुए उन्हें दूसरे बच्चों से अलग बैठाते थे। यह भेदभाव भरी स्थिति कल्पना सरोज के लिए काफी मुश्किलभरी रही, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
बाल विवाह और ससुराल की त्रासदी
महज 12 साल की उम्र में कल्पना सरोज की शादी कर दी गई। शादी भी एक ऐसे व्यक्ति से हुई जो उनसे 10 साल बड़ा था। ससुराल में हालात और भी बदतर हो गए। घर के सारे कामों का बोझ, मारपीट और मानसिक उत्पीड़न ने उनकी जिंदगी को नरक बना दिया। ये सब सहन करना उनके लिए बहुत मुश्किल था। आखिरकार, उनके पिता उन्हें 6 महीने बाद वापस घर ले आए।
आत्महत्या का प्रयास और जीवन में बदलाव
ससुराल से लौटने के बाद समाज के ताने और अपमान ने कल्पना सरोज को इतना तोड़ दिया कि उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया। चूहे मारने का ज़हर पीने के बाद, उनकी चाची की मदद से उन्हें अस्पताल ले जाया गया, और उनकी जान बच गई। इस घटना ने उनकी सोच को पूरी तरह बदल दिया। उन्होंने तय किया कि अब वह अपनी जिंदगी को बदलेंगी और खुद को साबित करेंगी।
Success Story : 2 रुपए रोज की मजदूरी से शुरू किया सफर, आज हैं 2000 करोड़ की कंपनी की मालकिन: कल्पना सरोज की चौंकाने वाली सफलता की कहानी
मुंबई में संघर्ष: 2 रुपए की मजदूरी से शुरूआत
16 साल की उम्र में, कल्पना सरोज अपने चाचा के साथ मुंबई चली गईं। वहां उन्होंने कपड़ा फैक्ट्री में काम करना शुरू किया, जहां उन्हें महज 2 रुपए रोज की मजदूरी मिलती थी। धीरे-धीरे उन्होंने कपड़ा सिलाई में महारत हासिल कर ली और उनकी दिहाड़ी बढ़कर 10 रुपए हो गई। इसी दौरान, उनकी छोटी बहन का इलाज के अभाव में निधन हो गया, जिसने उन्हें और भी मजबूत बना दिया।
बिजनेस की शुरुआत और कामयाबी की ओर कदम
बहन की मौत ने कल्पना सरोज को और भी दृढ़ संकल्पी बना दिया। उन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर फर्नीचर का छोटा बिजनेस शुरू किया और इसके साथ ही कपड़ा सिलाई का भी काम किया। उनके लिए यह शुरुआत ही सफलता का पहला कदम साबित हुआ। उन्होंने अपने काम को विस्तार देने की सोची और लगातार मेहनत करती रहीं।
कमानी ट्यूब्स की बागडोर संभालना
कल्पना सरोज की कड़ी मेहनत और उनकी योग्यता को देखते हुए, एक कर्ज में डूबी मेटल इंजीनियरिंग कंपनी ‘कमानी ट्यूब्स’ ने उनका ध्यान आकर्षित किया। कंपनी के अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया और काम संभालने का प्रस्ताव दिया। कल्पना सरोज ने यह चुनौती स्वीकार की और अपनी मेहनत और प्रतिभा से कंपनी को धीरे-धीरे फिर से पटरी पर ला खड़ा किया।
2000 करोड़ का साम्राज्य: कल्पना सरोज की कामयाबी की कहानी
कल्पना सरोज ने सिर्फ अपने हुनर और मेहनत के बल पर 2000 करोड़ रुपए का साम्राज्य खड़ा कर दिया। उनकी कहानी ना सिर्फ संघर्ष की मिसाल है, बल्कि यह बताती है कि अगर आप ठान लें, तो कोई भी बाधा आपको सफलता पाने से नहीं रोक सकती।
आज, कल्पना सरोज एक प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों ना आएं, अगर आपके अंदर जुनून और हिम्मत है, तो आप दुनिया को बदल सकते हैं।
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